
Ekta Kumar on her book ‘Box of lies’
How did you start writing ? I am not sure if I know exactly when I started writing. I’ve always loved to tell stories, and
मुझे जानकर थोड़ा आश्चर्य हुआ कि प्रेम कबूतर (और ‘ठीक तुम्हारे पीछे’) उस मानव कौल की किताबें है जिन्हें मैंने सिटीलाइट्स फिल्म में देखा था। हालाँकि, ये किताबें उनकी पहली रचनाएं नहीं हैं। मध्य प्रदेश में पले बढे मानव कौल मूल रूप से बारामुला के हैं, और एक प्ले राइटर रह चुके हैं। प्रेम कबूतर आठ कहानियों का संग्रह है, और जैसा कि नाम से अंदाजा हो जाता है, ये कहानियां प्यार के इर्द गिर्द मंडराती हैं। हालांकि, हर कहानी में प्रेम का भाव, उनकी परिभाषा अलग है।
पहली (शीर्षक) कहानी ‘प्रेम कबूतर’, जो मुझे इतनी पसंद नहीं आयी, तीन दोस्तों की कहानी है जिनकी दोस्ती में एक लड़की की वजह से तनाव आ जाता है। ये कहानी काफी हलके फुल्के अंदाज़ में कही गयी है, और अनावश्यक रूप से लम्बी है।
इति और उदय: ‘उदय का होना उसके लिए इतना भारी था कि उसके जाते ही उसे लगा जैसे वो पहाड़ चढ़ते चढ़ते अचानक समतल मैदान में चलने लगी हो।’ ये कहानी मुझे बहुत अच्छी लगी। ये बेहद अलग अंदाज़ में लिखी गयी है और इस कहानी का सार बहुत महत्वपूर्ण है। ये दो प्रेमियों की उलझन दर्शाती है — उलझन एक दुसरे को खुलकर न अपना पाने की।
नक़ल नवीस: ‘मेरा जीवन उस दृश्य की तलाश में है जिसमें पहुंचकर वह चित्र पूरा हो जाएगा। बल्कि असल में मेरा पूरा चलना एक चित्र का बनना है, जिसका कोई अंत नहीं।’ ये एक कलाकार की मानसिक पीड़ा की कहानी है; वो पीड़ा जो उसकी हर कलाकृति में झलक जाती है।
अबाबील: ‘तुम अगर कहो तो मैं तुम्हें एक बार और प्यार करने की कोशिश करूंगा फिर से, शुरू से।’ अबाबील एक लेखक और उसकी प्रेमिका, जो शायद एक दुसरे को समझने की कोशिश कर रहे है, के प्यार और तकरार की कहानी है।
पहाड़ी रात: एक राही, उसके अजीब ‘रास्ते के साथी’, और उनके अनोखे सफर की कहानी। कहानी अपेक्षाकृत छोटी है पर है दिलचस्प।
शक्कर के पांच दाने: ‘अब मैं एक तरीके से मुस्कुराता हूँ और एक तरीके से हंस देता हूँ जी हाँ, मैंने जिन्दा रहना सीख लिया है।’ शक्कर के पांच दाने मानव कौल के एक प्ले पर आधारित है। ये एक कवि और भावी कवि के अनोखे बंधन की कहानी है। दिलचस्प अंदाज़ में कही गयी है। शक्कर के पांच दाने दरअसल एक खेल है — अब ये खेल क्या है ये जानना दिलचस्प है, और वो आपको सोचने पर मजबूर करती है।
शब्द और उसके चित्र: ‘कुछ देर में वो भीतर आयी और उसने मेरे पास आकर एक शब्द कहा ‘अंत’ और मुझे इस कहानी की शुरुआत दिखाई देने लगी।’ साधारण सी लगने वाली कहानी एक प्रेमी जोड़े के रिश्ते को बहुत अलग तरीके से दर्शाती है। और इस कहानी को लिखने का अंदाज़ भी बहुत अलग है।
त्रासदी: त्रासदी एक सामान्य फिर भी थोड़ी अलग प्रेम कहानी है। लम्बी पर रोचक है। इस कहानी के किरदार, इंदर और रौशनी, एक दूसरे से बिलकुल अलग हैं और अपनी अपनी दुविधाओं से जूझ रहे हैं। कुल मिलाकर, इस किताब को पढ़ने का अनुभव अच्छा रहा।
कहानियां काफी हटकर है, और उसे कहने का अंदाज़ भी अनूठा है। कहीं-कहीं हास्य और व्यंग की झलक मिल जाती है, और एक अच्छी बात ये है कि मानव कौल इसे काफी सहजता से दर्शाते हैं। कुछ कहानियां ऐसी हैं जिनका कोई परंपरागत अंत नहीं है; ये सीधे साधे शब्दों में लिखी गयी है पर आपको सोचने पर विवश करती हैं। मुझे ऐसी कहानियां पसंद हैं।
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Well the hard part is over, you finished writing the book , now you have some kind of a contract and the book will be
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