हिंदी साहित्य पर आधारित 6 खूबसूरत फिल्में

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क्या आपको फिल्में देखना पसंद है? और वो फिल्में जो हिंदी किताबों पे आधारित हों? हम यहाँ आपके साथ ऐसी ही 6 खूबसूरत फिल्मों के नाम साझा कर रहे हैं जो हिंदी उपन्यासों पर आधारित हैं —  

1. शतरंज के खिलाड़ी (1977)

‘शतरंज के खिलाड़ी,’ मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास पर आधारित फिल्म है जिसे सत्यजीत रे ने निर्देशित किया था। ये कहानी वाजिद अलीशाह के शासनकाल (1847 -1856) के समय की है। लखनऊ शहर में केंद्रित ये कहानी घोर विलासिता में डूबे, देश दुनियां से बेखबर लोगों के जीवन का दक्षतापूर्ण चित्रण है। इस कहानी के प्रमुख पात्र, मिरज़ा सज्जाद अली और मीर रौशन अली, जागीरदार हैं जिन्हे जीवन की जरूरतों की कोई फ़िक्र नहीं है, साथ ही ये राजनीतिक-सामाजिक चेतना से शून्य है। शतरंज के शौक़ीन, ये दो परम मित्र, लखनऊ शहर में अंग्रेज़ों के कब्ज़े से तनिक भी परेशान नहीं होते और शतरंज खेलते हुए अपनी जान दे देते हैं। संजीव कुमार और सईद जाफ़री है ये दो शतरंज के खिलाड़ी। अमिताभ बच्चन ने कथावाचक की भूमिका निभाई है। इस फिल्म को भारत की तरफ से ऑस्कर के लिए भेजा गया था, हालाँकि हमें नॉमिनेशन नहीं मिल पाया।  

2. नदिया के पार (1982)

नदिया के पार केशव प्रसाद मिश्रा द्धारा लिखित उपन्यास, ‘कोहबर की शर्त,’ पर आधारित है। इसे गोविन्द दुबे ने निर्देशित किया था। ये एक पारिवारिक कहानी है, पर साथ साथ, चन्दन और गूंजा की प्रेम कहानी भी है। सचिन और साधना सिंह ने चन्दन और गुंजा का किरदार बेहतरीन तरीके से निभाया है। 1964 में प्रकाशित इस उपन्यास को तो इतनी प्रसिद्धि नहीं मिली थी पर नदिया के पार को लोगों ने काफी पसंद किया। 1994 में, इसी कहानी पर आधारित, हम आपके हैं कौन बनायी गयी थी जो आपने जरूर देखी होगी।  

3. रजनीगंधा (1974)

बासु चटर्जी द्धारा निर्देशित ये फिल्म मन्नू भंडारी की कहानी ‘यही सच हैँ,’ पर आधारित है। ये कहानी एक प्रेम त्रिकोण है जिसमें अमोल पालेकर, विद्या सिन्हा और दिनेश ठाकुर ने अहम् भूमिका निभाई है। ये एक ऐसे युवक की कहानी है जो ज़िन्दगी के प्रति बिलकुल गंभीर नहीं है। वो एक सुलझी हुई युवती से प्रेम करता है पर उसकी लापरवाही की वजह से दोनों के रिश्तों में खटास आ जाती है। रजनीगंधा को सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए फिल्मफेयर अवार्ड से सम्मानित किया गया था।  

4. चित्रलेखा (1941/1964)

भगवती चरण वर्मा के उपन्यास, ‘चित्रलेखा,’ पर आधारित इस फिल्म (1964) में अशोक कुमार, प्रदीप कुमार और मीना कुमारी ने मुख्या भूमिका निभाई है। ये फिल्म एक प्रेम कथा को खूबसूरती से उकेरती है। बीजगुप्त अपने दरबार की नृत्यांगना, चित्रलेखा, से प्रेम करते हैं और उनके दरबार के एक योगी, कुमारगिरि को भी चित्रलेखा से प्रेम हो जाता है। 1941 में भी इस फिल्म का निर्माण किया गया था जिसमें भारत भूषण ने मुख्या भूमिका निभाई थी और वो उनकी पहली फिल्म थी। ये फिल्म उस वक़्त की दूसरी सबसे सफल फिल्म थी।  

5. तमस (1988)

ये फिल्म भीष्म साहनी के उपन्यास ‘तमस’ पर आधारित है। इस उपन्यास के लिए भीष्म साहनी को साहित्य अकादमी अवार्ड से नवाज़ा गया था और इस फिल्म को तीन राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। तमस बटवारे के बाद की कहानी है जिसमें साम्प्रादायिक पेहलूओं को काफी ज़हीन तरीके से प्रस्तुत किया काया है। ओम पुरी और दीपा साही ने इस फिल्म में प्रमुख भूमिका निभायी है।  

6. पति पत्नी और वो (1978)

कमलेश्वर के उपन्यास, ‘पति पत्नी और वो,’ पर आधारित ये फिल्म विवाहेतर सम्बन्ध और उसमें उलझे लोगों के उलझनों की कहानी है। संजीव कुमार, विद्या सिन्हा, और रंजीता ने इस फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई है। इस फिल्म का निर्देशन बी. आर. चोपड़ा ने किया था। कमलेश्वर को इस फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ पटकथा के फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाज़ा गया था।

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