Books To Look Out For This Summer!
Bring out your sunglasses and a reading mat, we are going to read this summer. Or perhaps turn your AC on full blast if you
‘अगर आप माँ हैं तो मदद मांगिये। अकेले पूरी दुनियां का बोझ अपने माथे पर लेकर चलने के भ्रम में जीना ख़ुद से की हुई सबसे बड़ी ज़्यादती होती है।’ —अनु सिंह चौधरी, मम्मा की डायरी
मम्मा की डायरी नॉन फिक्शन, या यूं कहें कि क्रिएटिव नॉन फिक्शन है। हालाँकि जब मैंने इसे पढ़ना शुरू किया तब मुझे ये बात मालूम नहीं थी (नॉन फिक्शन में मेरी कोई ख़ास दिलचस्पी नहीं है)। जो बात मुझे मालूम थी वो ये कि अनु जी के लिखने का अंदाज़ काफ़ी दिलचस्प है। कैसे? ये जानने के लिए आप उनका साक्षात्कार पढ़िये। ये किताब कोई पेरेंटिंग गाइड नहीं है पर ये किताब आपको पेरेंटिंग से सम्बंधित कई बातें सिखा सकती है। इसमें ख़ास तौर पर एक नयी माँ के जीवन की झलक मिलती है। उनकी परेशानियां, उनकी खुशियां, उनकी बेचैनी। और उनकी अपेक्षाएं — अपने जीवन से, अपने करियर से, अपने परिवार से, और अपने जीवन साथी से। अनु जी कहती हैं, ‘कोई रिश्ता परफेक्ट नहीं होता। हर जगह बेहतरी की गुंजाइश होती है। हम अपने रिश्तों में एक दुसरे से सीख रहे होते हैं उम्र भर। और यही रिश्तों को ख़ास बनाता है।’ जैसा कि मैंने पहले कहा कि नॉन फिक्शन में मेरी कोई ख़ास रूचि नहीं है, पर ये किताब मैं एक बार में पढ़ गयी। कारण? वही, जो मैंने पहले कहा — अनु जी के लिखने का अंदाज़! जिसमें थोड़ा हास्य रस भी है, तो थोड़ी गंभीरता भी। भाषा बहुत सहज है जो आपको बांधे रखती है।
इस किताब के नाम से शायद आप ये अंदाजा लगाना शुरू कर दें कि ये किताब एक डायरी की तरह लिखी गयी होगी। अगर ऐसा है तो आपका अंदाजा ग़लत है। मम्मा की डायरी हलके फुल्के अंदाज़ में लिखी गयी है पर कई बातें ऐसी हैं जो आपको सोचने पर मजबूर कर देती है। अपने पाठकों को एक मौका देती हैं एक नयी माँ की ज़िन्दगी में झाँकने का, उनकी मन की बात से रूबरू होने का। ये किताब अनु जी के जीवन का एक महत्वपूर्ण पन्ना है जिसे दुनियां के सामने रखना इतना आसान नहीं रहा होगा। साथ साथ, ये किताब कई अन्य लोगों के जीवन की घटनाओं को आपतक लेकर आती है जो कभी आपको व्यथित कर देंगी तो कभी आपके चेहरे पर मुस्कान ले आएँगी। कैसे कुछ लोग अपनी स्मृतियों से ताउम्र लड़ते रहते हैं। ‘तकलीफ़ की ये कैसी नदी होती है कि उसे उम्र का दरिया भी किनारा नहीं दे पाता?‘ अगर मैं इस किताब की कोई कमी निकालना चाहूँ, तो वो ये होगी कि कई जगहों पर ये उपदेश आती है। हालांकि, इसमें ऐसी कोई बुराई नहीं है, पर समस्या या यूं कह लें कि बोरियत तब होने लगती है जब ये थोड़ी लम्बी खिंच जाती है। कुल मिलाकर ये एक अच्छी किताब है। कई विचार ऐसे हैं जो दिल को छू लेते हैं तो कुछ ऐसे हैं जो आपको प्रैक्टिकल होने में मदद कर सकते हैं। जैसे —
‘आराम से वो हैं, जो तकल्लुफ़ नहीं करते।’
‘हमें ‘ना’ कहना नहीं सिखाया गया है। हमें मेहमान-नवाज़ी सिखाई गई है, अपनी सारी तकलीफ़ों और कमियों को पर्दे के पीछे डालकर मेज़ पर सिर्फ़ और सिर्फ़ खुशहाली परोसना सिखाया गया है।’
अगर आपको पेरेंटिंग से सम्बंधित किताबों में रूचि है, अगर आप एक नयी माँ हैं, अगर आप नॉन फिक्शन पढ़ते है, तो आपको ये किताब पसंद आएगी।
Bring out your sunglasses and a reading mat, we are going to read this summer. Or perhaps turn your AC on full blast if you
Once in a while you come across a book that has the power to pierce through your heart. A Monster Calls is one such book. Written by Patrick Ness, it is a story about a young boy with an ailing mother at home. It covers a range of somewhat difficult topics ranging from death to guilt.
How did you start writing ? I am not sure if I know exactly when I started writing. I’ve always loved to tell stories, and
Well the hard part is over, you finished writing the book , now you have some kind of a contract and the book will be
From the heart and hills of Manipur, the story revolves around seven guardians ‘chosen’ to retrieve the scissor of justice, the Wayel Kati. None of
The author narrates the story of Amit, a middle aged working professional, who faces the same struggles that so many of us in the corporate
Get all latest news, exclusive deals and Books updates.